ग्रीनबेल्ट की 540 एकड़ जमीन बालको ने हड़पी

Posted by Rajendra Rathore on 7:17 PM

हमेशा से सुर्ख़ियों में रहे भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड का एक और नया कारनामा सामने आया है प्रबंधन ने केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्तों को ताक पर रखकर संयंत्रों के विस्तार के लिए हरे-भरे पेड़ो की बलि चढ़ाकर ग्रीनबेल्ट की करीब 540 एकड़ जमीन हड़प ली है। बाबजूद इसके राज्य और केंद्र सरकार बालको प्रबंधन के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रही है, जिससे कई सवाल उठने लगें हैं।

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड ने 2003 से 2008 के बीच नए संयंत्रों की स्थापना और पुराने के विस्तार की अनुमति ली। तब केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सशर्त अनुमति देते हुए सभी विस्तार और नए संयंत्रों की स्थापना के दौरान एक निर्धारित भू-भाग पर ग्रीनबेल्ट विकसित करने के निर्देश दिए। सयंत्र विस्तार की अनुमति मिलने के बाद कम्पनी ने अपना काम दो शुरू कर दिया, मगर शासन सरकार और केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्तों को भुलाते कहीं भी ग्रीनबेल्ट के लिए कुछ नहीं किया। इस मामले का खुलासा सुचना के आधिकार के तहत ली गयी जानकारी से हुआ है। मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने से अब बालको प्रबंधन के खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत की गयी है।

उल्लेखनीय है कि एलुमिना रिफाइनरी एवं स्मेलटर प्लांट के विस्तार की अनुमति 5 नवम्बर 2003 को बालको प्रबंधन को मिली, जिसके अनुसार प्रबंधन को 90 एकड़ में ग्रीन बेल्ट बिकसित करना था। इसी तरह 675 मेगावॉट कोल आधारित पॉवर प्लांट की अनुमति 23 जून 2004- को इस शर्तो के अनुसार दी गयी थी कि प्रबंधन को संयंत्र क्षेत्र में 75 एकड़ पर ग्रीन बेल्ट बनाना है।

इसके अलावा एल्यूमिनियम स्मेलटर प्लांट व केप्टिव पॉवर प्लांट विस्तार की अनुमति 16 सितम्बर 2008- को दी गयी, जिसके शर्तो के अनुसार परियोजना क्षेत्र में 262 एकड़ में र्ग्रीनबेल्ट विकसित किया जाना था। वहीँ 1200 मेगावॉट विद्युत संयंत्र स्थापित करने की अनुमति 14 अगस्त 2008- को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस शर्तों के अधीन दी कि बालको प्रबंधन प्रभावित क्षेत्र के 112 एकड़ में ग्रीनबेल्ट बनाएगा, मगर प्रबंधन ने किसी भी शर्त का पालन नहीं किया।