गृहमंत्री का बेटा वीडियोकान का जमीन दलाल

Posted by Rajendra Rathore on 10:01 AM

- जनसुनवाई के पहले खरीद ली 400 एकड़ जमीन


छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ननकीराम कंवर के बेटे व जिला पंचायत सदस्य संदीप कंवर नेतागिरी छोड़कर अब पॉवर प्लांट के लिए जमीन दलाली करने में भीड़ गए हैं। वे वीडियोकान पावर कंपनी में बतौर पीआरओ की नौकरी करते हुए किसान व ग्रामीणों की जमीन छल व बलपूर्वक खरीदकर उन्हें बेघरबार कर रहे हैं। पर्यावरणीय जनसुनवाई के पहले ही कंपनी ने संदीप कंवर के माध्यम से क्षेत्र की करीब 400 एकड़ से अधिक जमीन खरीद ली है। यही नहीं, क्षेत्र के लापता व मृत व्यक्तियों के नाम की जमीनों को फर्जी तरीके से दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर रजिस्ट्री करा दी है, लेकिन किसानों की पीड़ा से शासन-प्रशासन के अधिकारियों को सरोकार नहीं है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिला अंतर्गत नवागढ़ विकासखंड क्षेत्र में वीडियोकान पावर कंपनी का 1200 मेगावाट का पावर प्लांट प्रस्तावित है। इसके लिए कंपनी को ग्राम गौद, अकलतरी, भादा व गाड़ापाली में 960 एकड़ भूमि की जरूरत है। पावर प्लांट के लिए अब तक पर्यावरणीय जनसुनवाई नहीं हुई है, जबकि खुद को पाक साफ बताने वाले गृहमंत्री ननकीराम कंवर के बेटे व वीडियोकान कंपनी के पीआरओ संदीप कंवर ने अपने साथियों के सहयोग से जनसुनवाई से पहले ही जमीन की खरीदी बिक्री शुरू कर दी है। कंपनी के पीआरओ ने अकेले गौद गांव में करीब 60 आदिवासियों की जमीनें अपने नाम पर खरीदी की हैं। इसके अलावा ग्राम अकलतरी, भादा व गाड़ापाली के कई आदिवासियों की जमीन कंपनी के ही कर्मचारी विलंब सिंह कंवर के नाम पर खरीदी गई है, जिन्हें बाद में वीडियोकान कंपनी को हस्तांतरित किया जाएगा। पावर कंपनी के कर्मचारी विष्णु मूले, पंकज प्रधान सहित आधा दर्जन से अधिक दलालों द्वारा क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक जमीनें अब तक खरीद ली गई हैं, जिसका भूमि स्वामी को उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया है। कंपनी ने शुरूआत में किसानों की जमीन 70 हजार रूपए एकड़ के हिसाब से खरीदी थी, जबकि कुछ माह पूर्व 6 लाख रूपए प्रति एकड़ तक खरीदी गई। इसका कुछ किसानों से विरोध भी किया था, लेकिन उनकी एक न सुनी गई और प्रशासनिक कार्रवाई का भय दिखाकर उनका मुंह बंद करा दिया गया। दलालों के माध्यम से जमीन बिकने के कारण क्षेत्र के किसान औद्योगिक एवं पुर्नवास नीति से भी वंचित हो रहे हैं। ग्राम गौद के लोगों ने बताया कि गृहमंत्री के पुत्र संदीप कंवर क्षेत्र के गांव-गांव घूमकर आदिवासी व किसानों पर जमीन बेचने दबाव बना रहे हैं। किसान व आदिवासियों की जमीन का सौदा सस्ते दरों पर किया जा रहा है। इस काम में पीआरओ ने क्षेत्र के रिटायर्ड पटवारी बोधीराम को अपने साथ मिला लिया है, जो भू-स्वामी की पहचान कर खरीदी-बिक्री के गोरखधंधे को अंजाम दे रहा हैं। अहम बात यह है कि भूमि-स्वामियों द्वारा आपत्ति जताए जाने पर जमीनों की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से करा दी जा रही है। असली भूमि स्वामी की जगह किसी दूसरे को खड़ा कर जमीन का नामांतरण कराया जा रहा है। क्षेत्र में ऐसे दर्जन भर से अधिक मामले हैं, जिनमें फर्जी लोगों को भूमि-स्वामी बताकर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है।
यहां बताना लाजिमी होगा कि ग्राम गौद के किसान अर्जुन सिंह की तीन एकड़ कृषि भूमि को वीडियोकान कंपनी के पीआरओ व कर्मचारी पंकज प्रधान ने फर्जी तरीके से खरीदा था, जिसके मुआवजे के लिए अर्जुन सिंह कई महीनों तक भटकता रहा। काफी समय गुजर जाने के बावजूद मुआवजा नहीं मिलने से आखिरकार वह सदमें से मर गया। अब उसकी विकलांग बेवा दर दर भटक रही है। इसी तरह ग्राम अकलतरी निवासी मनभुलाऊ चौहान पिछले पांच वर्षो से लापता है, जिसकी जमीन को कंपनी के लोगों ने किसी अन्य व्यक्ति को फर्जी तरीके से रजिस्ट्रार कार्यालय में उपस्थित कराकर हथिया लिया है। ग्राम गौद के बुइयाराम गोड़ व कन्हैया गोड़ सहित करीब 50 आदिवासी परिवारों को शासन ने हरेली-सहेली योजना के तहत् ढ़ाई-ढ़ाई एकड़ जमीन आबंटित की है। इनकी जमीनों पर भी पावर प्लांट की नजर पड़ गई है। कुछ दिन पहले कंपनी के कुछ लोग इन्हें जमीन खाली करने के लिए चेतावनी देने पहुंचे थे, तब आदिवासियों ने उन्हें साफ शब्दों में कह दिया कि वे जान दे देंगे, पर किसी भी स्थिति में जमीन देने राजी नहीं है। इस मसले पर गृहमंत्री ननकीराम कंवर का कहना है कि उसके पुत्र संदीप कंवर ने किसी के साथ छल-कपट नहीं किया है। वे पावर कंपनी में अधिकारी होने के अलावा आदिवासी वर्ग के हैं, इसीलिए क्षेत्र के आदिवासियों की जमीन अपने नाम से खरीद रहे हैं। यदि किसी को आपत्ति है तो वह शिकायत दर्ज करा सकता है। बहरहाल वीडियोकान पावर कंपनी के पीआरओ संदीप कंवर व उसके सहयोगियों द्वारा राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच का फर्जीवाड़ा कर भरपूर फायदा उठाया जा रहा है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के किसान व ग्रामीण भुगत रहे हैं।