आधुनिक पावर की जनसुनवाई में पथराव
-जमीन देने से इंकार कर ग्रामीणों ने गोबर भी फेंका
-सुनवाई छोड़कर मौके से भागे सभी प्रशासनिक अधिकारी
आधुनिक पावर एंड नेचुरल रिसोर्सेज कंपनी द्वारा जांजगीर-चाम्पा जिले के बाराद्वार में प्रस्तावित १३२० मेगावाट के पावर प्लांट की जनसुनवाई में ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। सुनवाई कर रहे प्रशासनिक अधिकारियों पर पत्थर व गोबर फेंके, वहीं प्लांट के लिए एक इंच जमीन नहीं देने की बात कही। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए सुनवाई कर रहे अपर कलेक्टर व अन्य अधिकारियों को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा। इसके बाद ग्रामीणों ने अधिकारियों का कुछ दूर तक पीछा भी किया और सुनवाई स्थल में तोड़फोड़ की।
कलकत्ता की आधुनिक पावर एंड नेचुरल पावर रिसोर्सेज कंपनी का जांजगीर-चाम्पा जिले के बाराद्वार क्षेत्र में 1320 मेगावाट के पावर प्लांट प्रस्तावित है। कंपनी ने इसके लिए डूमरपारा, सकरेली व डेरागढ़ गांव की जमीनें अधिग्रहित करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। पावर कंपनी को प्लांट के लिए 960 एकड़ भूमि की जरूरत है। प्रक्रिया के तहत् पावर कंपनी की पर्यावरणीय जनसुनवाई ८ अप्रैल को डूमरपारा के भाठा में रखी गई थी। जहां दोपहर 12 बजे जनसुनवाई की कार्रवाई अपर कलेक्टर अशोक तिवारी तथा पर्यावरण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा शुरू कराई गई। प्रारंभ में कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित पावर प्लांट से संबंधित जानकारियां दी गई। इसके बाद ग्रामीणों को अपना पक्ष रखने के लिए आमंत्रित किया गया। जनसुनवाई में मौजूद कुछ ग्रामीणों ने अपना पक्ष रखते हुए क्षेत्र के लिए पावर प्लांट को अनुचित बताया। ग्रामीणों ने कहा कि क्षेत्र की भूमि सिंचित है, जिसमें वे वर्ष भर में दो फसल लेते हैं। कृषि भूमि पर उद्योग स्थापित किया जाना गलत है। किसानों के हित को देखते हुए क्षेत्र में प्रस्तावित पावर प्लांट का एमओयू निरस्त किया जाए। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि प्लांट प्रबंधन द्वारा शासन के प्रावधानों का बिल्कुल पालन नहीं किया जा रहा है। प्लॉट के संचालन के लिए कोयले की आवश्यकता होगी, जबकि इसकी आपूर्ति कहां से की जाएगी, यह भी तय नहीं है। सकरेली के उदित राम तंबोली ने कहा कि कंपनी प्रबंधन द्वारा पिछले तीन चार दिनों से गांव-गांव में घूमकर ग्रामीणों को पर्यावरणीय सुनवाई में विरोध नहीं करने की धमकी दी जा रही थी। साथ ही अन्य तरीकों से प्रलोभन भी दिए जा रहे थे। वहीं जिला प्रशासन एवं शासन के सभी लोगों से सामंजस्य हो जाने की बातें प्रचारित की गई।
सुनवाई में क्षेत्र के चार-पांच ग्रामीण ही अपना पक्ष रख पाए थे कि अचानक सभा में उपस्थित महिलाएं आक्रोशित हो गईं और उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों व पावर प्लांट प्रबंधन पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद ग्रामीण कुर्सियों पर चढ़कर हंगामा करने लगे। इस पर अपर कलेक्टर तिवारी ने ग्रामीणों को चेतावनी देते हुए बारी-बारी से अपना पक्ष रखने की बात कही। इसी बीच जनसुनवाई में शामिल होने आ रहे पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र अमित जोगी व उनके समर्थकों को कार्यक्रम स्थल से दूर रोक दिए जाने की खबर से ग्रामीण उत्तेजित हो गए और अधिकारियों को पावर प्लांट का दलाल कहते हुए पत्थर व गोबर फेंकने लगे। ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता देख अपर कलेक्टर तिवारी ने सुनवाई पूर्ण होने की बात कहते हुए सभा खत्म करने की घोषणा कर दी। इतना सुनते ही सभास्थल पर लगे बांस बल्लियों को लेकर ग्रामीण अधिकारियों को ललकारने लगे। इस बीच अपर कलेक्टर तिवारी किसी तरह वहां से निकले और एक मोटरसायकिल में भागकर अपनी जान बचाई। उनके पीछे एसडीएम, पर्यावरण विभाग के अधिकारी सहित अन्य अफसर भी वहां से भाग गए। आक्रोशित ग्रामीणों से बचने के लिए पावर प्लांट प्रबंधन के अधिकारी भी जान बचाकर वहां से भागे। ग्रामीणों ने कुछ दूर तक उनका पीछा भी किया। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने जवानों को निर्देशित कर स्थिति को नियंत्रित किया। जनसुनवाई में पहुचे ग्रामीणों ने आगे भी पावर प्लांट का विरोध करने और आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
अमित सहित सैकड़ों कांग्रेसी गिरफ्तार
पावर प्लांट की जनसुनवाई का विरोध करने जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र अमित जोगी व उनके सैकड़ों समर्थकों को बाराद्वार-जैजैपुर चौक से आगे पुलिस ने रोक लिया। इस पर जोगी सहित कांग्रेसियों ने रास्ता रोकने का विरोध किया। मौके पर उपस्थित पुलिस व राजस्व अधिकारियों से अमित जोगी ने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से जनसुनवाई में अपनी बात रखेंगे और एक नागरिक होने के नाते उन्हें सुनवाई में जाने दिया जाए। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया। काफी नोकझोंक के बाद पुलिस ने अमित जोगी, जिला पंचायत सदस्य गीतांजलि पटेल, कांग्रेस नेता देवेन्द्र अग्निहोत्री, इब्राहिम मेमन सहित सौ से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता व ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया। सभी को बाराद्वार के विश्राम गृह में लाकर रखा गया, जहां औपचारिका पूरी कर उन्हें निःशर्त रिहा किया गया।
नेशनल हाईवे पर एक घंटे चक्काजाम
युकां नेता अमित जोगी व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पदाधिकारियों ने उनकी निःशर्त रिहाई को लेकर नेशनल हाईवे क्रमांक 49 पर जैजैपुर चौक में चक्काजाम कर दिया। इस दौरान युकांईयों ने अमित जोगी व अन्य गिरफ्तार लोगों को लेकर आ रही बस को रोक लिया तथा जमकर हंगामा मचाया। पुलिस अधिकारियों ने युकांईयों को समझाईश देनी चाही, मगर वे नहीं माने। बाद में अमित जोगी द्वारा हस्तक्षेप करने पर युकांईयों ने बस को आगे जाने दिया। फिर भी वे अड़े रहे और सभी की रिहाई के बाद चक्काजाम खत्म किया। एक घंटे तक चक्काजाम होने से आवागमन खासा प्रभावित हुआ, वहीं यात्रियों को बीच रास्ते बस से उतरकर दूसरे साधनों से गंतव्य के लिए जाना पड़ा।
अमित जोगी के सामने भिड़े नेता
बाराद्वार के विश्राम गृह में अमित जोगी के सामने दो कांग्रेसी नेता आपस में भिड़ गए। यह घटना उस वक्त हुई जब पुलिस अधिकारी अमित जोगी व अन्य युकांईयों को रिहा करने के लिए औपचारिकता पूरी कर रहे थे। इस दौरान क्षेत्रवाद को लेकर सक्ती के कांग्रेस नेता देवेन्द्र अग्निहोत्री तथा चांपा के कांग्रेस नेता इब्राहिम मेमन में विवाद शुरू हो गया। दोनों अमित जोगी के साथ ही बैठे हुए थे और नौबत यहां तक आ गई कि उन्होंने वहीं पर एक दूसरे को गाली गलौज शुरू कर दी, इसके बाद दोनों कमरे से बाहर निकलकर परिसर में आ गए, जहां दोनों के बीच हाथापाई हुई। दोनों ने अपने अपने समर्थकों को फोन करके वहां बुला लिया। स्थिति तनावपूर्ण होते देख पुलिस भी चौकन्नी हो गई। काफी विवाद के बाद अंततः अमित जोगी को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा, तब कहीं जाकर स्थिति सामान्य हुई।
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