भरथरी व पंडवानी से एड्स जागरूकता

Posted by Rajendra Rathore on 5:25 AM

लोक कलाकारों को मंच पर पंडवानी में महाभारत की कहानी और भरथरी में महाराजा विजय सिंह की गौरव गाथा सुनाते सभी ने देखा और सुना होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के चुनिंदा लोक कलाकार जल्द ही पंडवानी और भरथरी नृत्य के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एचआईव्ही एड्स से बचाव के तरीके बताएंगे।
जी हां, यह बिल्कुल सच है। प्रदेश में कुल जनसंख्या की 0.3 फीसदी लोग एचआईव्ही एड्स से पीड़ित है। महानगरों में अपनी जड़े जमा चुका यह रोग अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी पांव पसारते जा रहा है। स्वस्थ्य लोग इस रोग से बचे रहे, इसे देखते हुए एड्स नियंत्रण समिति द्वारा कला जत्था कार्यक्रम के तहत् इस वर्ष पंडवानी और भरथरी नृत्य के माध्यम से लोगों को एचआईव्ही एड्स के बारे में जागरूक करने का निर्णय लिया है। इसके लिए समिति ने स्क्रिप्ट भी तैयार कर ली है। एड्स के प्रचार प्रसार के लिए दिल्ली स्थित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति ने देश के सभी राज्यों से लोकशैली में स्क्रिप्ट तैयार कराई थी। छत्तीसगढ़ राज्य ने पंडवानी और भरथरी शैली में यह स्क्रिप्ट तैयार की थी, जिसकी राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण समिति ने खूब सराहना की और जल्द एड्स के रोकथाम की दिशा में काम शुरू करने के निर्देश दिए। प्रदेश में यह जागरूकता अभियान 17 जनवरी से शुरू होगा। इसके लिए प्रदेश के लगभग 20 लोक कलाकारों को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। प्रशिक्षण लेने के बाद लोक कलाकारों द्वारा 21 जनवरी से गांव-गांव में जाकर ग्रामीणों को पंडवानी और भरथरी शैली में एड्स से बचाव की जानकारी दी जाएगी। इस काम में प्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाएगा। राज्य एड्स नियंत्रण समिति के संचालक महेन्द्र कुमार जंघेल का कहना है कि पंडवानी और भरथरी शैली में एड्स से बचाव की जानकारी मिलने से ग्रामीणों में जल्द जागरूकता आएगी। उन्होंने बताया कि समिति ने नाचा-गम्मत अन्य लोकशैली में एड्स की जानकारी देने के लिए 40 एपिसोड तैयार करवाया है, जिसका 19 जनवरी से दूरदर्शन में प्रसारण किया जाएगा।