आखिर मेरा क्या कसूर है मां !
0 निर्मोही मां ने खेत में छोड़ा नवजात को
0 जिला अस्पताल में नर्सों की दुलारी बनी मासूम
इंसान औलाद पाने के लिए न
जाने कितना जतन करता है, मंदिरों में मन्नतें मांगता है। लेकिन कई बार कुछ महिलाएं लोकलाज के भय से ममता को मारकर अपनी औलाद को पैदा करने के बाद लावारिस छोड़ देती हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम बनारी में सामने आया है, जहां एक निर्मोही मां ने अपनी कोख से जन्मी बच्ची को खेत में छोड़ दिया। यह तो गनीमत थी कि ग्रामीणों ने उसके रोने की आवाज सुन ली और उसे सकुशल पुलिस के पास पहुंचा दिया। वरना खेत में पड़े-पड़े वह किसी जहरीले कीड़े या कुत्तों का शिकार भी हो सकती थी।
जांजगीर के समीपस्थ ग्राम बनारी में शनिवार की शाम किसी निर्मोही मां ने एक बच्ची को जन्म देने के बाद खेत में लावारिस छोड़ दिया। बच्ची खेत में काफी देर तक पड़ी और जोर-जोर से रोती रही। तभी खेत के पास से गुजर कुछ ग्रामीणों ने उसके रोने की आवाज सुनी और पास जाकर देखा तो अकेली मासूम बच्ची खेत में पड़ी हुई थी, आसपास कोई भी नहीं था। काफी देर तक उसके मां-बाप को ढूंढने के बाद ग्रामीणों ने जांजगीर पुलिस को घटना की जानकारी दी। तब पुलिस ने उसे लाकर ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर शासकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया।
नर्सों की देखरेख में पल रही मासूम बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है, बच्ची को अस्पताल की सफाई कर्मचारी महेशमति अपने संतान से भी ज्यादा दुलार कर रही है। वह कल रात से ही बच्ची के पास है और समय-समय पर डाक्टर के निर्देशानुसार उसे बाटल से दूध पिला रही है। उसने बताया कि बच्ची किसी की भी हो, मगर उसके चेहरे की मासूमियत और सुंदरता ने सभी का मन मोह लिया है। सभी नर्सें भी उसे बार बार आकर देखभाल करती रहती हैं।
जिला चिकित्सालय की डाक्टर ममता जगत ने बताया कि बच्ची को जब अस्पताल लाया गया तो उसका वजन दो किलो था, वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है। परीक्षण से पता लगा है कि उसका जन्म लगभग 24 घंटे पूर्व हुआ है। बच्ची के माता पिता का पता लगाया जा रहा है, मगर अब तक किसी ने आकर बच्ची के बारे में पूछताछ नहीं की है। बहरहाल बच्ची को जन्म देने के बाद मां ने भले से किन्हीं कारणों से अपना दामन उससे छुड़ा लिया हो, लेकिन मासूम नवजात के चेहरे को देखकर यही लगता है जैसे वह सवाल कर रही हो कि आखिर मेरा क्या कसूर है, जो मुझे इस तरह लावारिस फेंक दिया?

जांजगीर के समीपस्थ ग्राम बनारी में शनिवार की शाम किसी निर्मोही मां ने एक बच्ची को जन्म देने के बाद खेत में लावारिस छोड़ दिया। बच्ची खेत में काफी देर तक पड़ी और जोर-जोर से रोती रही। तभी खेत के पास से गुजर कुछ ग्रामीणों ने उसके रोने की आवाज सुनी और पास जाकर देखा तो अकेली मासूम बच्ची खेत में पड़ी हुई थी, आसपास कोई भी नहीं था। काफी देर तक उसके मां-बाप को ढूंढने के बाद ग्रामीणों ने जांजगीर पुलिस को घटना की जानकारी दी। तब पुलिस ने उसे लाकर ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर शासकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करा दिया।

जिला चिकित्सालय की डाक्टर ममता जगत ने बताया कि बच्ची को जब अस्पताल लाया गया तो उसका वजन दो किलो था, वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है। परीक्षण से पता लगा है कि उसका जन्म लगभग 24 घंटे पूर्व हुआ है। बच्ची के माता पिता का पता लगाया जा रहा है, मगर अब तक किसी ने आकर बच्ची के बारे में पूछताछ नहीं की है। बहरहाल बच्ची को जन्म देने के बाद मां ने भले से किन्हीं कारणों से अपना दामन उससे छुड़ा लिया हो, लेकिन मासूम नवजात के चेहरे को देखकर यही लगता है जैसे वह सवाल कर रही हो कि आखिर मेरा क्या कसूर है, जो मुझे इस तरह लावारिस फेंक दिया?
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